राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बुधवार को अचानक आई तीव्र आंधी और भारी बारिश ने शहर का जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। मौसम विभाग के अनुसार, 90-100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चले तूफानी हवाओं और झमाझम बारिश के कारण शहर के कई इलाकों में पेड़ उखड़ गए, सड़कें जलमग्न हो गईं, और बिजली आपूर्ति बाधित हुई। इस प्राकृतिक उथल-पुथल का सबसे गंभीर असर हवाई यातायात पर पड़ा, जहां 40 उड़ानें रद्द होने के साथ 122 फ्लाइट्स को देरी का सामना करना पड़ा।

हवाई यातायात पर भारी असर
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI) पर मौसम की खराबी के चलते ऑपरेशनल समस्याएं उत्पन्न हुईं। हवाई अड्डे के अधिकारियों ने बताया कि कम दृश्यता और तेज हवाओं के कारण कई उड़ानों को लैंडिंग या टेकऑफ़ की अनुमति नहीं मिल सकी। एयरलाइंस ने यात्रियों को पूर्व सूचना देने का प्रयास किया, लेकिन अचानक मौसम बिगड़ने से सैकड़ों यात्री हवाई अड्डे पर फंस गए। एक एयरपोर्ट प्रवक्ता ने कहा, “सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। हम स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और यात्रियों को वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध कराने में जुटे हैं।”
यात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी
इस संकट के बीच नागरिक उड्डयन मंत्रालय और मौसम विभाग ने यात्रियों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें निम्नलिखित सुझाव शामिल हैं:
- हवाई अड्डे जाने से पहले अपनी उड़ान की स्थिति ऑनलाइन या एयरलाइन से पुष्टि करें।
- यात्रा में अतिरिक्त समय का प्रबंध करें, क्योंकि सड़कों पर भीड़ और जलभराव की स्थिति संभव है।
- एयरलाइन कर्मचारियों के निर्देशों का पालन करें और आपातकालीन संपर्क नंबरों को हाथ में रखें।
शहर में अन्य समस्याएं
आंधी ने दिल्ली के कई हिस्सों में बिजली के खंभे और पेड़ गिरा दिए, जिससे स्थानीय लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। दक्षिणी दिल्ली के साकेत और वसंत कुंज जैसे इलाकों में जलभराव की शिकायतें सामने आईं। अग्निशमन विभाग ने 50 से अधिक कॉल प्राप्त किए, जिनमें अधिकांश पेड़ गिरने और छतों के उड़ने की घटनाएं थीं।
मौसम विभाग की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में और भारी बारिश व गरज के साथ छींटों की चेतावनी जारी की है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह मौसमी अशांति पश्चिमी विक्षोभ और मानसून पूर्व गतिविधियों का संयुक्त परिणाम है।
नागरिकों से अपील
प्रशासन ने नागरिकों से घरों में सुरक्षित रहने और आपातस्थिति में हेल्पलाइन नंबर 112 पर संपर्क करने की अपील की है। साथ ही, ऊंची इमारतों, पेड़ों और बिजली के तारों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
इस प्राकृतिक आपदा ने एक बार फिर शहरी बुनियादी ढांचे की कमजोरियों को उजागर किया है, जिससे नागरिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन को लेकर नई बहस शुरू हो गई है। फिलहाल, अधिकारी मौसम सुधरने का इंतजार कर रहे हैं ताकि सामान्य स्थिति बहाल की जा सके।
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